जानिए अधर्म क्या है?

🌑 अधर्म के लक्षण

धर्म जहाँ सत्य, करुणा और न्याय का मार्ग दिखाता है, वहीं अधर्म इन गुणों के विपरीत आचरण है।
आज के समय में अधर्म को पहचानना आवश्यक है, ताकि हम अपने जीवन को सही दिशा दे सकें।

🔹 अधर्म के मुख्य लक्षण

1. असत्य – झूठ बोलना, छल और कपट से काम करना।


2. हिंसा – बिना कारण किसी प्राणी को कष्ट पहुँचाना।


3. अन्याय और अत्याचार – बलपूर्वक दूसरों का हक छीनना।


4. लोभ (लालच) – धन, पद या सुखों के लिए गलत मार्ग अपनाना।


5. अहंकार – अपने को श्रेष्ठ मानकर दूसरों को तुच्छ समझना।


6. काम, क्रोध और द्वेष – वासना, क्रोध और ईर्ष्या में बहकर गलत कार्य करना।


7. धोखा और विश्वासघात – वचन तोड़ना, मित्र या परिवार को धोखा देना।


8. अनुशासनहीनता – गुरु, माता-पिता, धर्म और शास्त्रों का अपमान करना।



📜 शास्त्रों का संदेश

> “अधर्मो धर्ममित्याह धर्मश्चाधर्ममित्यपि”
(महाभारत)

जब असत्य को सत्य और धर्म को अधर्म कहा जाने लगे,
तो समझो अधर्म का प्रभाव बढ़ रहा है।



🌱 सीख

जहाँ सत्य, दया, संयम और ईमानदारी का अभाव हो, वहाँ अधर्म जन्म लेता है।
हमारा प्रयास होना चाहिए कि हम सत्य, करुणा और धर्म का पालन करें और समाज को प्रकाश की ओर ले जाएँ।

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